बिहार के पटना की रहने वाली डॉ अंजलि नें “फेलोशिप एंट्रेंस टेस्ट 2021″में प्रथम स्थान लाकर “बिहार” का नाम रोशन कर दिया। इसके साथ उन्होंने नीट एसएस गाइनेकोलॉजी ऑकोलॉजी (MCH) रिप्रिडिक्टिव मेडिसिन और सर्जरी में भी आठवीं रैंक हासिल की है। यूँ तो बिहार की पावन धरती आईएएस और आईपीएस ऑफिसर्स की फैक्ट्री मानी जाती रही है। लेकिन अब यहाँ के युवाओं ने बाकी क्षेत्रों में भी अपनी सफलता का परचम लहराना शुरू कर दिया है। आज हम बात कर रहे है, बिहार की बेटी डॉ अंजलि के बारे में जिन्होंने पुरे बिहार को गौरवान्वित किया है।

पहले एटेम्पट में पास की परीक्षा
आपको बता दे की नीट एसएस 2021 डीएम, एमसीएच DNB सुपर स्पेशलिटी पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए एक मेडिकल प्रवेश परीक्षा होती है। “DNB “की पढ़ाई समाप्त करने के बाद बस 3 महीने की तयारी व मेहनत से इस परीक्षा में सफलता हासिल की है। डॉ अंजलि ने पहली बार यह परीक्षा पास की है।उनके बारे में सबसे ख़ास बात यह है की उन्होंने यह परीक्षा पहले ही एटेम्पट में पास कर ली है। डॉ अंजलि बिहार की पहली गाइनेकोलॉजी ऑकोलॉजी है, जिन्होंने प्रथम रैंक लाया है। उनके पिता पीके रवि पटना में सिविल इंजीनियर है और उनकी माता एक कुशल गृहणी है।

अंजलि शुरू से ही पढ़ने में तेज
डॉ अंजलि शादीशुदा है। उनकी एक पुत्री भी है। जिसका नाम आरना है, वह अभी एक वर्ष की है। उनके पति का नाम डॉ राजू है। जो फिलहाल संजय गाँधी मेमोरियल हॉस्पिटल दिल्ली में कार्यरत है। डॉ अंजलि के माता पिता उनके इस कामयाबी पर काफी खुश है। डॉक्टर अंजली के पिता जी ने बताया की अंजलि शुरू से ही पढ़ने में तेज थी। आपको बता दे की डॉ अंजलि ने 10 वीं की पढाई केंद्रीय विद्यालय मुज्जफ्फरपुर से की है, तथा 12 वीं की पढाई बीडी पब्लिक स्कूल पटना से की है। उनके पति डॉ राजु ने भी कहा की अंजलि का रुझान सिर्फ पढ़ाई की तरफ रहता है।

उनकी इस सफलता पर आस पड़ोस के लोगों ने उन्हें बधाई व सुभकामनाये दी है। उनके माता पिता का कहना है की “अंजलि बिहार की बेटी है और उसकी सफलता बिहार की सफलता है। अंजलि बिहार में गरीबों की सेवा करेगी।”