बिहार की 2 कमांडो बहनों की कहानी फिल्मी है। जिस तरह से दंगल मूवी में एक पिता अपने दोनों बेटियों को कुश्ती में पारंगत बनाने के लिए संघर्ष करता है। उसी तरह बिहार की भी एक मानने लोगों के ताने से बचने के लिए अपनी बेटियों को रात में प्रैक्टिस करवाया। आज उनकी दोनों बेटियां कमांडो है। वे अब अपनी मां के लिए घर बनवा रही हैं।

रात में करवाती थीं प्रैक्टिस
सीवान जिले के महाराजगंज प्रखंड के जिगरहवां की रहने वाली सोनमती देवी खुद उन्हें ट्रेनिंग देती थी। दोनों बेटियों के साथ दौड़ने जाती थी। गांव वाले मां को ताने देते थे। तो वो बेटियों को रात 1 बजे से 3 बजे तक अंधेरे में दौड़ाती थी। सोनमती देवी एक मीडिया संस्थान से बातचीत में बताती है कि साल 2014 से ही उनके दोनों बेटियां पूजा कुमारी और पुनीत कुमारी को डिफेंस जॉइन करने की इच्छा थी। वह खुद भी चाहती थी की उनकी दोनों बेटियां पुलिस ऑफिसर बनें।

आज दोनों बेटियां हैं कमांडो
वह रात में 1:00 बजे का अलार्म लगा कर अपनी बेटियों को प्रैक्टिस करवाती थी। उसके बाद मां के कठिन परिश्रम और बेटियों की ललक ने आखिरकार रंग लाया। आज दोनों बेटियां BSAP बिहार स्पेशल आर्म्ड पुलिस में कमांडो है। बड़ी बेटी पुनिता कुमारी आज राजगीर में बिहार दरोगा का कमांडो ट्रेनर है जबकि छोटी बेटी पूजा कुमारी बोधगया में BSAP में कमांडो के पद पर कार्यरत है।

बेटियां मां के लिए बनवा रहीं घर
मां सोनमती देवी बताती है कि उनके पति अपने पूरे जिंदगी में लोगों के मकानों के निर्माण के लिए राज मिस्त्री का काम करते रहे लेकिन कभी इतने पैसे नहीं हुए कि वह अपना मकान निर्माण करा सके। आज उनकी बेटियों की कमाई से एक नया आशियाना बन रहा है।