मौजूदा समय में पटना में सबसे अधिक मेडिकल कॉलेजों का संचालन किया जा रहा है. वर्तमान में पटना से छह मेडिकल कॉलेज और अस्पताल संचालित हो रहें हैं. जिनमें में से एक पटना मेडिकल कॉलेज अस्पताल भी हैं. जहां राज्य के कोने कोने से आकर मरीज अपना अपना इलाज कराते हैं. मरीजों की सुविधा और इलाज की व्यवस्था को बेहतर करने के लिए यहां लगातार कोई न कोई बदलाव किया जाता रहा है. जबकि उत्तर और पश्चिमी बिहार से आने वाले मरीजों की अस्पताल में सीधी एंट्री के लिए PMCH को गंगा पाथ वे से जोड़ा जा रहा है. यह काम बहुत ही जल्द पुरा भी होने वाला है.

5540 करोड़ रुपये की लागत से पुनर्निर्माण
जबकि PMCH को विश्वस्तरीय अस्पताल बनाने के लिए इसके पुनर्निर्माण का काम भी शुरू कर दिया गया है. जिसमें करीब 5540 करोड़ रुपये की लागत आने वाली है. बिहार सरकार द्वारा संचालित सूबे का सबसे बड़े अस्पताल के रूप में गिने जाने PMCH का पुनर्निर्माण का काम तीन चरणों में पूरा किया जाएगा.

तीन गुणी से अधिक हो जाएगी बेडों की संख्या
पुनर्निर्माण का कार्य समाप्त होने के बाद यहां पहले की तुलना में अधिक मरीजों को भर्ती करने का मौका मिलेगा. क्योंकि यहां पर मौजूद बेडों की संख्या 1750 से बढ़कर 5460 हो जाएगी. इतनी बड़ी संख्या में बेडों के होने के बाद यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा और देश का सबसे बड़ा अस्पताल हो जाएगा.

आपको यह भी बता दें कि पटना जिलें के अलावा बिहार के कई और जिलों में मेडिकल कॉलेज अस्पताल मौजूद हैं. पटना में जहां 6 मेडिकल कॉलेज हैं तो वहीं मुजफ्फरपुर और सहरसा में दो-दो मेडिकल मौजूद हैं. जबकि गया, दरभंगा, बेतिया, मधेपुरा, भागलपुर, कटिहार, मधुबनी, किशनगंज, सासाराम और नालंदा के पावापुरी में एक-एक मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल संचालित किए जा रहें हैं.

13 जिलों में खोले जायेंगे मेडिकल कॉलेज
वहीं अगले 5 वर्षों के दौरान बिहार के 13 जिलों में मेडिकल कॉलेज खोलने की योजना तैयार की गई हैं. जिसके बाद से बिहार के 26 जिलों में वर्ष 2027 तक 33 मेडिकल कॉलेज और अस्पताल हो जायेंगे. जिन 13 जिलों में नए मेडिकल कॉलेज खोले जाने हैं उनमें जमुई, बक्सर, सीवान, पूर्णिया, छपरा, समस्तीपुर, वैशाली का महुआ, आरा, बेगूसराय, मधुबनी, सीतामढ़ी, मुंगेर औ पूर्वी चंपारण शामिल हैं.