देश में बिरले ऐसे अधिकारी आपको मिलेंगे जिनके एक इशारे पर गाड़ियों की कतार लग सकती है लेकिन वो चलते हैं तो रिक्शा से, बगैर किसी लाव लश्कर और सुरक्षाकर्मियों के फौज के. आपने देश मे कई ऐसे आईएएस अधिकारियों को देखा और सुना होगा जो बिना गाड़ी और लाव-लश्कर के बगैर घर से बाहर कदम तक नहीं रखते हैं, काम पर जाना तो दूर की बात हो जाती है. लेकिन बिहार में एक ऐसे सीनियर आईएएस अधिकारी हैं जिनके एक फोन पर सैकड़ों गाड़ियों की कतार और बॉडीगार्ड की भरमार लग सकती है, लेकिन इनकी सादगी ऐसी जो कभी सड़क पर साइकिल चलाते हुए नज़र आ जाएंगे तो कभी गोलगप्पे के दुकान पर गोलगप्पे का स्वाद चखते. ये अधिकारी पटना में रिक्शे की सवारी से भी परहेज नहीं करता.

हम बात कर रहे हैं बिहार कैडर के 1991 बैच के सीनियर आईएएस अधिकारी एस सिद्धार्थ की जो अभी मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के प्रधान सचिव हैं साथ ही साथ इनके पास कैबिनेट और वित्त विभाग की जिम्मेदारी भी है, लेकिन इस अफसर की सादगी ऐसी है कि पटना की सड़कों पर बिना बॉडीगार्ड ओर बिना गाड़ी के अकेले घूमते हैं वो भी रिक्शा पर. बिहार के ईमानदार और स्वच्छ छवि के इस आईएएस अधिकारी की एक और खासियत है. सर्दी हो या गर्मी या हो बरसात हर मौसम में कहीं भी ये आपको सफेद शर्ट और काले पेैंट में ही नजर आयेंगे.

जब बिहार के विकास की बात होगी तो किसी काम को कम समय में बहुत अच्छा और जनता के लिए फायदेमंद कैसे हो सकता है उसमें इनकी दिलचस्पी सबसे अधिक रहती है. ओहदे में उच्च पद पर बैठे एस सिद्धार्थ शनिवार को दिन भर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के साथ सुखाड़ का सड़क मार्ग से पटना से मुंगेर तक जायजा लेने गए थे लेकिन पटना पहुंचने के बाद जैसे ही मौका मिला वो निकल पड़े शहर में चाय, चाट और गोलगप्पा का लुत्फ उठाने वो भी रिक्शे पर बैठकर. सिद्धार्थ की ये तस्वीरें सोशल मीडिया में वायरल हो रही हैं.