अभी तब हमने आपको ऐसी बहुत कहानियां और किस्से बताये हैं, यहाँ युवाओं ने अच्छी खासी नौकरी छोड़कर कुछ नया और अलग किया। ऐसा करने के बाद वे बहुत ज्यादा सफल हो गए। आज भी हम ऐसी ही कहानी लेकर आये हैं। कई बार युवा अच्छी डिग्री जैसे इंजीनियरिंग या MBA करने के बाद एक अच्छी सैलरी पर किसी कंपनी में नौकरी करने तो लगते हैं, परन्तु वे संतुष्ट नहीं हो पाते।

पढ़ लिखकर किसी अच्छी कंपनी में नौकरी पाना बच्चन के सपने के सच होने जैसा है। हर मिडिल क्लास फॅमिली के अधिकतर युवाओं के लिए अच्छी पढ़ाई के बाद नौकरी पा लेना की सफलता की परिभाषा होती है। परन्तु अब लोगो की सोच बदल रही है।

अब वही इंजीनियर और MBA बिजनेस की तरफ देश रहे हैं और खुद सफल कंपनी कड़ी कर रहे हैं। ऐसे ही दो बहनो तान्या और सुजाता (Sisters Tanya and Sujata) की जोड़ी ने सुता (Suta) नामक एक कंपनी बनाई, जो सफलता की नई कहानी बना रही है।

बता दें की तान्या बिस्वास और सुजाता बिस्वास दोनों सगी बहनें हैं। वे एक मध्यमवर्गीय भारतीय परिवार पली बढ़ी। उनके पिता रेलवे पुलिस में काम करते थे और इसी वजह से उनका हमेशा टांस्फर होता रहता था। दोनों बहनों ने अपनी इंजीनियरिंग (Engineering) की डिग्री हासिल करने के बाद MBA भी पूरा किया। अच्चे अंकों के साथ पढ़ाई पूरी होने के बाद तान्या का प्लेसमेंट IBM कंपनी में हुआ और सुजाता ने एस्सार स्टील में जॉब शुरू की।

डुबो बहनों को अपनी काबिलियत की वजह से अच्छी सैलरी वाली नौकरी (Job) हासिल हुई और नौकरी ने उन्हें ज़बरदस्त लाइफ स्टाइल भी दी। बहनें खुश थीं फिर भी दोनों कुछ और विकल्प की तरफ देख रही थी। उन दोनों के मन में आत्मनिर्भर बनने की ललक जाग रही थी और वह कुछ और बड़ा करना चाहती थी।

फिर साल 2016 में उन्होंने फैसला लिया और अपनी कंपनी शुरू करने के लिए जॉब छोड़ दी। यह एक बड़ा कदम था। साड़ी पहने परिवार में बिना समय गवाए, पूरे देशभर में भारतीय बुनकरों द्वारा बनाई गई हथकरघा साड़ियों से संबंधित व्यापार (Saree Business) शुरू करने का निर्णय लिया।

एक बात पर शंका थी की लोगों के बीच साड़ी (Sari) पहनने का क्रेज कम हो रहा था। इस सब विचारो को दरकिनार कर उन्होंने अपने साड़ी के बिजनेस को बढ़ने का निश्चय किया, क्योंकि इससे गरीब बुनकरों को सीधा फायदा मिलने वाला था। उनके मन में इन सभी गरीब बुनकरों (Saree Bunkar) का भी ख़याल था।

उन्हें अपनी रिसर्च में पता चला कि साड़ी के ग्राहकों की संख्या कम हो रही थी, लेकिन सोच-समझकर बनाई गई साड़ियां सभी उम्रों की महिलाओं के लिए एक स्टाइल सिम्बल के रूप में उभर रही थीं। यूनिक प्रोडक्ट को अपनी सफलता की कुंजी (Success Mantra) बना तान्या और सुजाता ने ब्रांड सुता (Suta Saree Brand) को लोगों के समाने पेश करने का फैसला लिया।

फिर केवल 3 लाख रुपये की छोटी लगत और उन दोनों बहनों सहित एक अन्न मेंबर की टीम को सभी बड़े और फेमस ब्रांडों को टक्कर देना था। बड़ी और फेमस मॉडलों या अभिनेत्रियों से प्रचार करवाना काफी महँगा था। इस समस्या को हल करने के लिए, वे अपने ब्रांड के लिए खुद ही मॉडल बन गई और प्रचार के लिए सोशल मीडिया का सहारा लिया। दोनों ही बहने दिखने भी भी सुंदर थी, तो एक बहन ने खुद ही मॉडल बनने का मन बना लिया।

उनके बाद 34 सालों में, तान्या और सुजाता की कंपनी सुता एक बड़ी साड़ी ब्रांड के रूप में जानी जाने लगी। 3 लाख की शुरूआती लागत और 2 बुनकरों के साथ शुरू हुई कंपनी आज पश्चिम बंगाल में 1500 से अधिक बुनकरों और दो हथकरघा इकाइयों वाली एक बड़ी कंपनी बन गई है।

आपको जानकर हैरानी होगी की साल 2019 में, सुता ब्रांड ने 13 करोड़ का व्यापर किया। तान्या और सुजाता (Tanya And Sujata Biswas) ने आज एक मिसाल पेश की है और बड़ी कंपनियों और ब्रांड के बीच अपनी पहचान बनाकर हम सभी के सामने अच्छे व्यापार (Success Business) का उदहारण रखा है। यही होता है असली मैनेजमेंट और बिजनेस।