मैट्रिक परीक्षा 2020 में 7वां स्थान हासिल करने के बावजूद टॉपर छात्र राज रंजन (Topper Student Raj Ranjan) की किसी ने सुध नहीं ली थी। ना किसी प्रशासनिक पदाधिकारी ने राज रंजन को शुभकामना दी थी और ना ही किसी सामाजिक संगठन ने राज को सम्मानित किया था। ऐसे में डिप्रेशन का शिकार हो चले राज रंजन ने अपनी उपेक्षाओं को दरकिनार कर अपने सपनों को उड़ान देते हुए बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा (Bihar Intermediate Examination 2022) साइंस स्ट्रीम में दूसरा स्थान हासिल किया है। पढ़ें पूरी रिपोर्ट..

विद्यालय परीक्षा समिति (Bihar School Examination Board) यानी बिहार बोर्ड ने इंटरमीडिएट परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया है।उत्‍तर ब‍िहार में पूर्वी चंपारण का छात्र राज रंजन (Student of East Champaran Raj Ranjan) ने कमाल कर दिखाया है। राज रंजन ने 471 अंक के साथ दूसरा स्थान हासिल किया है। राज रंजन ने बिहार बोर्ड इंटर परीक्षा में 94.2% अंक प्राप्त कर जिले का नाम रोशन किया है। लेकिन, कभी डिप्रेशन से गुजरने वाले राज रंजन के लिए इस मुकाम तक पहुंचना आसान नहीं था।

निराश होकर हुए थे डिप्रेशन का शिकार:

दरअसल, मैट्रिक परीक्षा 2020 में पूर्वी चंपारण जिले के छात्र राज रंजन ने स्टेट लेवल पर टॉप करते हुए 7वां स्थान हासिल किया था। राज रंजन ने 474 अंकों के साथ ऑल बिहार रैंकिंग में सातवां स्थान लाकर सिमुलतला विद्यालय का टॉपर बना था, लेकिन किसी ने उसकी सुध नहीं ली थी। किसी प्रशासनिक पदाधिकारी ने ना तो उसे शुभकामना संदेश दिया और ना ही किसी सामाजिक संगठन ने उसे सम्मानित किया। इससे निराश होकर राज रंजन डिप्रेशन का शिकार होने लगा था, जिसके बाद उसकी मां ने उसका हौसला बढ़ाया था।

कामयाबी की अनदेखी से हुए थे निराश:

टॉपर छात्र राज रंजन ने बताया कि उसकी कामयाबी की अनदेखी से वह निराश हो गया था। राज रंजन की मां रंजीता कुमारी ने बताया कि टॉप करने के बाद भी जब किसी ने भी उसकी सुध नहीं ली, तब उन्होंने राज को समझाकर उसे डिप्रेशन से बाहर निकाला था। लेकिन, घरवालों की मदद से वो वापस तैयारी में जुट गया था। राज रंजन ने बताया कि वह डॉक्टर बनकर देश की सेवा करना चाहता है।