पटना: मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (CM Nitish Kumar) और उनकी पार्टी जेडीयू की एनडीए से अलग हटने के बाद बीजेपी से चिराग पासवान की नजदीकियां बढ़ने की संभावना जताई जा रही है. उम्मीद जताई जा रही है कि आगामी लोकसभा चुनाव 2024 और बिहार विधानसभा 2025 के चुनाव में चिराग पासवान एनडीए के साथ मिलकर चुनाव लड़ेंगे. राजनीति जानकारों की मानें तो विधानसभा चुनाव के दौरान ही जदयू के साथ NDA के साथ चुनाव लड़ने पर चिराग ने आपत्ति जताई थी. उस चुनाव में चिराग मॉडल काम आया था, इसको सभी पार्टियां मानतीं हैं. लोजपा को एनडीए से अलग हटकर अकेले चुनाव लड़ने पर उनके चाचा पशुपति पारस उनसे काफी नाराज थे. जिस वजह से उन्होंने कहीं ना कहीं पार्टी भी तोड़ने का काम किया था.

चिराग पासवान ने CM नीतीश पर कसा तंज : 

वहीं, उनके चाचा पशुपति पारस अभी भी एनडीए के साथ हैं. राजनीति जानकारों की माने तो बिहार विधानसभा चुनाव में चिराग पासवान अकेले चुनाव लड़कर लगभग 6% वोट करीबन 15 लाख वोट पाए थे. अब नीतीश कुमार के बीजेपी से अलग होने के बाद बीजेपी किसी भी कीमत पर दलितों का वोट जो चिराग पासवान के साथ है, उसको नहीं खोना चाहेगी. नीतीश कुमार के NDA से अलग हटने के बाद कहीं ना कहीं बिहार में बीजेपी अकेले पड़ गई है, ऐसे में बीजेपी कभी भी चिराग पासवान का साथ नहीं छोड़ना चाहेगी.

2020 में चिराग ने अकेले लड़ा था चुनाव : 

हाल में राष्ट्रपति चुनाव को लेकर केंद्रीय रक्षा मंत्री ने उनसे बातचीत के दौरान कहा था कि वह NDA के पार्ट हैं. आपको बता दें कि चिराग पासवान ने एनडीए से अलग होकर 145 सीटों पर अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय 2020 में लिया था, हालांकि उन्हें कुछ खास कामयाबी हाथ नहीं लगी थी. उन्होंने अपना सिटिंग एमएलए सीट को भी खो दिया था. 145 सीटों में महज एक सीट पर जीत हासिल हुई थी. वह भी विधायक लोजपा का दामन छोड़कर नीतीश कुमार के साथ जाना मुनासिब समझा. हालांकि लोजपा का मानना है कि लोजपा ने अकेले चुनाव लड़ने का निर्णय लेकर अच्छा फैसला किया था. जिस वजह से वोट प्रतिशत में उनकी काफी वृद्धि हुई थी.

2020 बिहार विधानसभा चुनाव में LJPR को 6% वोट: 

बिहार की जनता ने उन्हें लगभग 6% वोट जो कि 15 लाख के करीब होता है, उन्हें प्राप्त हुआ था. हालांकि इस बार भाजपा को पिछली बार से कम 19.46 प्रतिशत ही वोट मिले हैं. पिछली बार भाजपा को 24.42 प्रतिशत वोट मिले थे, लेकिन उसे महज 53 सीटें ही मिली थी. जबकि साल 2020 में भाजपा को 74 सीटें मिली है. दोनों दलों की वोट प्रतिशत से की बात करें तो करीबन 26% वोट होता है. ऐसे में कभी भी भाजपा, लोजपा के दलित वोटरों को नहीं खोना चाहेगी.

चिराग ने नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोला : 

राजनीतिक जानकारों की माने तो चिराग पासवान बिहार विधानसभा चुनाव के पहले से ही लगातार नीतीश कुमार के खिलाफ मोर्चा खोले (Chirag Paswan Targeted CM Nitish Kumar) हुए हैं. और कहीं ना कहीं वह मौजूदा वक्त में जिस तरह से लगातार बिहार में अपनी पार्टी और संगठन को मजबूत करने में जुटे हुए हैं, वो काबिलेतारीफ है. नीतीश कुमार एनडीए से अलग हटने के बाद महागठबंधन के साथ फिर से दोबारा सरकार बनाए हैं. ऐसे में नीतीश कुमार के खिलाफ अपनी बातों को रखने वाले प्रखर नेताओं की जरूरत है. उनमें से एक चिराग पासवान हैं. दरसल चिराग पासवान 2020 में भी नहीं चाहते थे कि नीतीश कुमार के नेतृत्व में एनडीए चुनाव लड़े.

चिराग के निशाने पर CM नीतीश : 

वो हमेशा बिहार बिहार में बढ़ रही आपराधिक वारदातों, जहरीली शराब से हो रही मौत के साथ-साथ सरकार की चलाई जा रही, सात निश्चय योजना के खिलाफ मुखर होकर अपनी आवाज उठाते रहे हैं. हालांकि राजनीतिक जानकारों की माने तो चिराग पासवान 2019 में या उससे पहले 2014 में सांसद बने थे. तो वह कहीं ना कहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के चेहरे को लेकर सांसद बने थे. उनकी पार्टी 7 सीटों पर चुनाव में जीत हासिल की थी तो वजह थी एनडीए सरकार. इन सबके बीच बीजेपी से उनकी नजदीकियों को लोकर बात हो रही है, लेकिन इस बात को लेकर चिराग पासवान का साफ तौर पर कहना है कि अभी चुनाव में समय है. चुनाव के वक्त बीजेपी से गंठबंधन को लेकर देखा जाएगा.