Darbhanga: अगर आपको कुछ खट्टा खाने का मन हो रहा है और यदि आपके घर में सब्ज़ी थोड़ी फीखी बनी है या मिर्च मसाले थोड़े कम रह गए हैं, तो आप क्या करते है, ज़ाहिर सी बात है आपकी खाने की थाली में एक कली अचार सारे स्वाद की कमी को दूर कर देता है। स्कूल, कॉलेज या ऑफिस जाने की जल्दी में भी कई बार हम रोटी, पूरी या पराठे के साथ अचार के जा लेते हैं। कुछ लोग तो बिना अचार (Pickle) के खाना ही नहीं खाते है।

यदि बिहार के खाने की बात की जाए, तो अधिकतर यहाँ के लोग लिट्टी चोखा खाते है। इसके अलावा बिहार में लोग चावल के भात में अचार के साथ खाना पसंद करते हैं। बिहारी भाई तो जल्दबाज़ी में रोटी और अचार खाकर कम पर निकल लेते हैं। बिहार में कई तरह के स्वाद मिलते हैं। रोज़ के खाने की चीज़ों में अचार का भी स्वाद देखा गया है।

बिहार में मिथिलांचल का भी बहुत महत्त्व है और इसे मिथिलां भी कहा जाता है। मिथिला के स्वाद (Mithila Ka Swad) का भी कोई जवाब नहीं है। मिथिला में खाने के साथ अचार के स्वाद का बड़ा महत्त्व है। ऐसे में यहाँ घर घर में अचार बनाने की परंपरा है, जो प्राचीन काल से चलती आ रही है। ऐसे में बिहार की ननद-भाभी (Bihari Nanad Bhabhi) की एक जोड़ी ने मिथिलांचल के अचार के स्वाद को पूरे देश में पहचान दिलवाने की ठान ली है।

बीते साल ननद भाभी ने लॉकडाउन में व्यवसाय शुरू किया था
मीडिया रिपोर्ट्स में मुताबिक़ बिहार के ज़िला दरभंगा में 52 साल की कल्पना और 51 साल की उमा झा ने ऑनलाइन अचार का बिज़नेस शुरु किया। उनके अचार के ब्रैंड का नाम झा जी अचार (Jhaji Achar) है। उमा प्राइवेट स्कूल में टीचर हैं और कल्पना होममेकर है। यह दोनों महिलाये (Kalpana And Uma) रिश्ते में ननद-भाभी (Nanad Bhabhi) हैं। दोनों की बहुत अच्छी मित्रता है और यही इनकी सबसे बड़ी ताकत है।
इन्होने अचार का व्यवसाय शुरू किया। दोनों रिस्तेदार कल्पना और उमा के हाथों का अचार आज पूरा देश फेमस हो रहा है। आपदा काल में लॉकडाउन के दौरान दोनों ने अपने घर से अचार और चटनी का बिज़नेस (Chatni and Achar Business) शुरु किया और आज उनकी वेबसाइट www.jhajistore.com पर अचार की कई शानदार वैराइटी मिल जाती हैं। दोनों महिलाओं की इस जोड़ी ने अक्टूबर 2020 में बिज़नेस का आवेदन दिया और 2021 जून में झा झी स्टोर (Jhaji Store) के ऑनलाइन बिजनेस का आरम्भ हो गया।

हर रोज़ 100 ऑर्डर्स मिल आते हैं
सबसे अच्छी बात यह है की ननद-भाभी की इस टीम को हर रोज़ 100 ऑर्डर्स मिल आते हैं और इससे सालाना 8-10 लाख तक की कमाई हो रही है। एक हिंदी अख़बार को उमा ने बताया कि उनकी लाइफ नार्मल चल रही थी। ऐसे में उनके मन में बिज़नेस का कोई आईडिया या बात नहीं थी।
फिर अचानक आपदा का वो समय आ गया और लॉकडाउन में सब घर पर बंद हो गए। ऐस में कुछ रिश्तेदार भी उनके साथ आकर रहने लगे। वह वक़्त बहुत कठिन था। उमा का कहना है की वे तो पहले से ही अचार और चटनी बना रही थीं। इनके घर के आस-पास के लोग, उमा के स्कूल के टीचर्स और इनके मित्र पहले से ही उनके अचार के स्वाद को पसंद करते थे।

रिश्तेदारों में अचार की डिमांड बढ़ने लगी
फिर लॉकडाउन में मज़बूरी में घर पर बैठना पड़ गया और खली वक़्त में उन्होंने अचार और चटनी बनाना शुरु कर दिया। जो रिश्तेदार आपदा के वक़्त साथ रहने आए थे, वो भी अचार के स्वाद के दीवाने हो गए। फिर रिस्तेदारी में अचार की डिमांड बढ़ने पर दोनों ने अपने बनाए अचार दूर के रिश्तेदारों को भी कुरियर करके भेजना शुरु कर दिया।
उमा और कल्पना बिहार के देशी तरीके से अचार बनाते हैं। वे धूप में सूखाकर अचार तैयार करते है। उषा के स्कूल के सभी टीचर उनसे अचार मांग-मांग कर खाते थे। ऐसे में उषा और कल्पना ने साथ में बिज़नेस करने का प्लान बना लिया और दोनों ने तैयारी शुरु कर दी।
बिना सिरका प्रिज़र्वेटिव के बनता है आचार
उमा और कल्पना बिना सिरका प्रिज़र्वेटिव के अचार बनाती हैं, जिसे बनाने में 8-9 दिन लगते हैं। एक बार में लगभग 1000 किलो अचार तैयार किया जाता है फिर 250 ग्राम की शिशियों में पैक किया जाता है। यह अचार की शीशियां एक परिवार के लिए काफी होती है और कई दिन तक चल जाती हैं।
These two ladies from Bihar selling awesome Achar called Jhaji Achar. pic.twitter.com/538EEjH7R2
— sanatanpath (@sanatanpath) December 29, 2021
उमा ने एक हिंदी अख़बार को बताया की अचार बनाने और उसकी मार्केटिंग करने में काफी अंतर है। अचार (Jha Ji Achar) की मार्केटिंग के लिए टेस्ट, वैराइटी, डिज़ाइन और लुक का विशेष महत्व है। इसके बाद के 6 महीने उमा और कल्पना ने प्रोसेसिंग और क्वालिटी पर जोर दिया और उसके बाद मार्केटिंग और ब्रांडिंग पर खास ध्यान दिया। कल्पना और उमा ने कई लोगों को रोज़गार भी मुहैया करवाया है। इस व्यवसाय से हर महीने अच्छा ख़ासा मुनाफा कमा (Income) रही है।
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— Amarjeet (@sahooamarjeet) December 25, 2021
JhaJi Store on #SharkTankIndia is inspirational 🙂
दोनों महिलाओं की जोड़ी ने जी स्टोर नाम से सोशल मीडिया पेज बनाया और फिर सोशल मीडिया और वाट्सऐप के माध्यम से उन्हें ऑर्डर मिलने लग गए। आज यही उनकी ब्रांडिंग का एक बड़ा माध्यम है। उमा और कल्पना अब अचार की मैन्युफ़ेक्चरिंग यूनिट बनाने और विदेशों में भी झा जी अचार सप्लाई करने का मन बना रही है। मतलब यह अचार अब मिथिला से निकलकर देश में छाने के बाद दुनिया को स्वाद चखायेगा।