बिहार वासियों के एक खुशखबरी है. पटना एयरपोर्ट का कायाकल्प जल्द बदलने वाला है. पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील मोदी ने राज्यसभा में इस संबंध में सवाल किया. इस सवाल के जवाब में केन्द्रीय नागर विमानन राज्यमंत्री वी.के. सिंह ने राज्यसभा में जानकारी दी. उन्होंने कहा कि पटना के जयप्रकाश नारायण अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डे पर नया टर्मिनल भवन मार्च 2024 तक तैयार हो जाएगा. इसका 54% काम पूरा हो चुका है.

पुनर्विकास का काम 2019 से शुरू

राज्यसभा में सुशील कुमार मोदी के उठाए लिखित उत्तर में जनरल सिंह ने कहा कि पटना हवाई अड्डे पर स्टेट हैंगर, फ्लाइंग क्लब बिल्डिंग और वीआईपी लाउंज अगले साल जून तक तैयार हो जाएंगे. पटना हवाई अड्डे के पुनर्विकास का काम 2019 में शुरू किया गया था. दो मंजिला टर्मिनल भवन में पहली मंजिल पर प्रस्थान लाउंज और भूतल पर आगमन क्षेत्र होगा. यह प्रति वर्ष 80 लाख यात्रियों को संभालेगा.

नये टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य 54% पूरा

उन्होंने बताया कि कंट्रोल टावर सह तकनीकी ब्लॉक, फायर स्टेशन और कार्गो भवन का निर्माण 91% पूरा हो गया है. ये इस साल सितंबर पूरी हो जायेंगे. राज्य सरकार के हैंगर, फ्लाइंग क्लब बिल्डिंग, वीआइपी लाउंज व अन्य कार्य 54% हो चुके हैं. ये जून, 2023 में पूरा होने का लक्ष्य है. वहीं, एयरपोर्ट ऑथोरिटी ऑफ इंडिया के अनुसार पटना एयरपोर्ट के आधुनिकीकरण पर 1216.90 करोड़ रुपये खर्च होंगे. इसके नये टर्मिनल भवन का निर्माण कार्य 54% पूरा हो चुका है. मार्च, 2024 तक इसका निर्माण पूरा होगा.

इसके अलावा मंत्री ने बिहटा हवाई अड्डा के सम्बंध में भी बताया कि बड़े विमानों के संचालन हेतु राज्य सरकार से 199.5 एकड़ अतिरिक्त भूमि मांगी गई है। बिहटा एयरपोर्ट के विस्तार को लेकर सुशील मोदी के एक अन्य सवाल के जवाब में मंत्री ने कहा कि ‘एयरपोर्ट अथाॉरिटी ऑफ इंडिया ने बिहार सरकार को रनवे के विस्तार हेतु 191.5 एकड़ की भूमि की जरूरत का अनुमान लगाया है, ताकि इसे चौड़ी बॉडी वाले विमानों के लिए उपयुक्त बनाया जा सके।

बता दूं कि बिहार सरकार का दावा है कि उसने बिहटा एयरबेस से वाणिज्यिक उड़ान संचालन शुरू करने हेतु मांगी गई भूमि दे दी है। केंद्रीय नागरिक उड्डयन मंत्रालय के सचिव को पत्र द्वारा, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी ने 18 फरवरी को कहा था कि सिविल एन्क्लेव के विकास हेतु बिहटा एयरबेस पर राज्य सरकार द्वारा दी की गई भूमि पर निर्माण कार्य शीघ्र ही शुरू होना चाहिए। वहीं मुख्य सचिव ने बताया था कि नागरिक उड्डयन मंत्रालय द्वारा मांगी गई 108 एकड़ भूमि उपलब्ध कराई गई है।