आज हम एक ऐसे व्यक्ति के बारे में बात करने वाले है जो कि पूरे विश्व में स्टील किंग के नाम से भी जाने जाते है। हम बात कर रहे है लक्ष्मी निवास मित्तल के बारे में।आज के समय में इंग्लैंड में लक्ष्मी मित्तल भारतीय मूल के स्टील उत्पादक के सबसे बड़े उधोगपति माने जाते है और लक्ष्मी मित्तल अभी के समय में ‘आर्सेलर मित्तल’ नाम की कंपनी के सीईओ और चेयरमैन भी हैं। लक्ष्मी मित्तल अपने इस इतने बड़े मुकाम को प्राप्त कर लेने के लिए रात-दिन कड़ी मेहनत और परिश्रम करा है।

उनके परिवार का पहले से ही निप्पनडेन इस्पात के नाम से व्यवसाय था। लक्ष्मी निवास मित्तल बचपन में ही अपने परिवार के साथ कोलकाता में आकर रहने लगे थे और यहीं से लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपनी वर्ष 1957 से लेकर 1964 तक श्री दौलतराम नोपानी विद्यालय से अपनी पढ़ाई पूरी करी थी। फिर इसके बाद लक्ष्मी निवास मित्तल ने कोलकाता के सेंट जेविएर्स कॉलेज से वाणिज्य में बिजनेस ऐंड अकाउंटिंग में स्नातक की पढ़ाई पूरी करी थी।

26 साल की उम्र पिता की सहायता से शुरू करा था पहला स्टील कारखाना

स्नातक की पढ़ाई पूरी करने के बाद, लक्ष्मी निवास मित्तल ने भारत सरकार के प्रोत्साहन पर वर्ष 1976 में इंडोनेशिया का रास्ता अपनाया और फिर 26 साल की उम्र में लक्ष्मी निवास मित्तल ने अपने पिता की मदद से अपनी पहली स्टील फैक्ट्री ‘पी.टी. इस्पात इंडो’ की शुरुवात इंडोनेशिया के सिदोअर्जो में करी थी।

इंडस्ट्री में लक्ष्मी निवास मित्तल की सफलता की कहानी

साल 2006 में लक्ष्मी निवास मित्तल ने आर्सेलर को खरीद लेने की काफी ज्यादा कोशिश करी थी मगर उस समय सीईओ गाय डोले ने लगभग 24 बिलियन डॉलर के ऑफर को भी ठुकरा दिया था।

फिर इसके बाद में शेयर में काफी ज्यादा गिरावट आ जाने के बाद यह सौदा लगभग 33.5 बिलियन डॉलर में करा गया था. ‘अर्सेलर मित्तल’ आज के समय में दुनिया की सबसे बड़ी स्टील बनाने वाली कंपनी बन चुकी है और आज के समय में अर्सेलर मित्तल के 60 देशों में कुल 2 लाख 60 हजार कर्मचारी हैं।