बिहार लोक सेवा आयोग ने 66वीं संयुक्त प्रतियोगिता परीक्षा का फाइनल रिजल्ट घोषित किया है. इस परीक्षा में जिले के गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय की रहने वाली पिंकी कुमारी ने सफलता हासिल करके अपने गांव सहित पूरे जिले का नाम किया रौशन किया है. परिवार समेत पूरे गांव में है खुशी का माहौल है. बता दें कि पिता ने अपनी बेटी के सपनों को साकार करने के लिए उसे गाँव से दूर रखा. साथ ही कई वर्षों तक उसे सपनों को पूरा करने का मौका भी दिया. बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा पास कर अपने माता – पिता को गौरवान्वित कर के हीं घर वापस लौटी. घर वापस लौटने पर पूरे समाज ने पिंकी का स्वागत किया.

उपेन्द्र प्रसाद गुप्ता के 25 वर्षीय बेटी पिंकी कुमारी ने अपने मेहनत के दम पर बिहार लोक सेवा की परीक्षा पास कर प्रखंड पंचायती राज पदाधिकारी पद के लिए चयनित हुई है. गम्हरिया प्रखंड मुख्यालय के वार्ड संख्या 6 निवासी सेवानिवृत्त शिक्षक उपेन्द्र प्रसाद गुप्ता और कांति देवी की सबसे छोटी बेटी पिंकी ने 66वां बीपीएससी परीक्षा में बाजी मारकर अफसर बिटिया बन गई है. वहीं पिंकी के पिता उपेन्द्र गुप्ता ने बताया कि पिंकी पढ़ाई के मामले हमेशा लग्नशील रही. पढ़ाई के प्रति उसकी लग्न को देखकर उसे पढ़ाई के लिए गांव से शहर भेज दिया. पिंकी ने अपनी सफलता को लेकर बताया कि जीवन में मुकाम पर पहुंचने के लिए मन की तरंग को मारना होगा. एक साधक के रूप में पढाई करनी होगी.

उन्होंने कहा कि नवोदय विद्यालय से प्लस टू करने के बाद गम्हरिया के आदर्श डिग्री कॉलेज से स्नातक पास कर पटना चली गयी और फिर बीपीएससी की तैयारी शुरु किया तो पहली बार कुछ नंबर कम होने के कारण मुकाम हासिल नहीं कर सकी. लेकिन अपनी तैयारी लगातार जारी रखी और सफलता पाने को लेकर सात वर्षों से अपने घर नहीं आई. पिंकी ने बड़े भाई की शादी में भी घर आने से मना कर दिया था. इसके अलावा कोरोना महामारी के दौरान लॉकडाउन में भी पिंकी घर नहीं आई और सिर्फ अपनी पढ़ाई पर ध्यान देती रही. इस बीच दारोगा का रिजल्ट भी आया तो भी घर नहीं गई.

पिंकी बताती है कि मुझे बीपीएससी परीक्षा पास करने का मन था जो आज वह सपना पूरा हुआ. पिंकी की माने तो अब भी आगे की पढ़ाई वो जारी रखेंगी .उन्होंने अपने सफलता का श्रेय माता-पिता, भाई-बहन और पूरे परिवार को दिया है. पिंकी के घर में मां और पिता काफी खुश हैं.