पटना. बीजेपी के राज्यसभा सांसद सुशील मोदी ने महागठबंधन सरकार में दागी चरित्र और आपराधिक रिकॉर्ड वाले मंत्रियों को लेकर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) पर जमकर हमला बोला है. उन्होंने मंत्री सुरेंद्र यादव (Minister Surendra yadav) का हवाला देते हुए मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा- क्या हो गया है आपको. मुख्यमंत्री जी कहां गई आपकी सुशासन की यूएसपी (USP). जिन आपराधिक छवि वाले लोग आपको सुहाते नहीं थे, अब वो ही लोग आपके मंत्रिमंडल की शोभा बढ़ा रहे हैं. सुशील मोदी (Sushil Modi) ने कहा कि सुरेंद्र यादव पर पॉक्सो ACT 13 के तहत अलावा कई गंभीर आरोप हैं. उन पर वर्ष 2018 में नाबालिग लड़की से रेप का आरोप है. इस मामले में चार्ज फ्रेम हो चुका है, और ट्रायल शुरू है.

वहीं, अतुल अपहरण कांड का भी सुरेंद्र यादव पर आरोप है. सुशील मोदी ने यह भी कहा कि सुरेंद्र यादव का संबंध प्रेम प्रकाश से भी है. प्रेम प्रकाश वो शख्स हैं, पिछले दिनों जिनके रांची आवास पर छापेमारी के दौरान प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने हाल ही में दो AK 47 रायफल बरामद किया था. प्रेम प्रकाश के बारे में सुशील मोदी ने यह भी बताया की वो स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (एसबीआई) के जिस शाखा में कार्यरत था उसी में चारा घोटाला के करोड़ों रुपए जमा थे. इस रकम को लेकर वो फरार हो गया था जिसका खुलासा उस वक्त खुद शिवानंद तिवारी ने किया था.

सुशील मोदी ने कहा कि वर्ष 1998 में तत्कालीन केंद्रीय गृह मंत्री लालकृष्ण आडवाणी के हाथ से सुरेंद्र यादव ने महिला आरक्षण बिल को लेकर फाड़ दिया था. और तो और, गया में मुफ्त में तिलकुट लेने के दौरान तिलकुट कारोबारी से सुरेंद्र यादव की झड़प भी हुई थी. इस दौरान सुरेंद्र यादव पर तिलकुट कारोबारी ने तेल फेंक दिया था. ईडी ने सुरेंद्र यादव के भाई राजकुमार उर्फ मंटू यादव की 9.26 करोड़ की संपति को जब्त किया था. मंटू पर आरोप था कि जहरीली शराब पीने से जिन बीस लोगों की मौत हुई थी उसका उस शराब माफिया से संबंध है.

सुशील मोदी का नीतीश सरकार पर हमला यहीं नहीं रुका. उन्होंने 1991 लोकसभा चुनाव का जिक्र करते हुए कहा कि इस दौरान गया संसदीय सीट से जब जीतन राम मांझी कांग्रेस के उम्मीदवार थे, सुरेंद्र यादव ने गया के पूर्व विधायक जय कुमार पालित की बुरी तरह से पिटाई कर दी थी. घायल पालित को गंभीर अवस्था में अस्पताल में भर्ती कराना पड़ा था. उन्होंने कहा कि दोबारा मंत्री बनने के एक सप्ताह बाद गया में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में सुरेन्द्र यादव ने ‘बोका’ शब्द का प्रयोग कर बिहार की छवि को खराब किया था.

आखिर में सुशील मोदी ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से पूछा कि आप ऐसे लोगों को अपने मंत्रिमंडल में शामिल कर बिहार में सुशासन कैसे स्थापित करेंगे. अपने मंत्रिमंडल से ऐसे लोगों को तत्काल बर्खास्त करें.