Patna: बिहार के उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव (Tejashwi Yadav) ने कहा है कि अगर विपक्ष 2024 के आम चुनाव (Lok Sabha Election 2024) में प्रधानमंत्री पद की उम्मीदवारी के सिलसिले में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार (Nitish Kumar) के नाम पर सहमति जताता है, तो वो एक ‘मजबूत उम्मीदवार’ के तौर पर उभर सकते हैं. हाल ही में बीजेपी का साथ छोड़कर दूसरी बार राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) नीत महागठबंधन के साथ आने वाले नीतीश कुमार के बारे में तेजस्वी ने कहा कि उनको जमीनी स्तर पर अपार समर्थन हासिल है. उन्होंने जनता दल युनाइटेड (जेडीयू), आरजेडी, कांग्रेस और अन्य दलों के एकजुट होने के बाद महागठबंधन के सत्ता में आने को ‘विपक्षी एकता के लिए शुभ संकेत’ बताया.

तेजस्वी यादव ने कहा कि यह संकेत देता है कि अधिकतर विपक्षी दल देश के सामने मौजूद बड़ी चुनौती को समझते हैं. इसमें बीजेपी का आधिपत्य भी शामिल है, जिसमें वो पैसे, मीडिया और (प्रशासनिक) मशीनरी के दम पर भारतीय समाज से विविधता और राजनीतिक विमर्श को खत्म करने पर तुली है. उन्होंने कहा कि यह राज्यों के स्तर पर क्षेत्रीय प्रतिनिधित्व, सामाजिक न्याय और विकास के मुद्दों का भी सवाल है.

आरजेडी के नेता कहा कि बीजेपी सहकारी संघवाद की बात करते हुए लगातार क्षेत्रीय असमानताओं को नजरअंदाज करने की कोशिश कर रही है. बिहार पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है, इस बात से कोई भी इनकार नहीं कर सकता, लेकिन क्या हमें केंद्र से कुछ मिला है? बिल्कुल नहीं.

बिहार के उपमुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि बीजेपी का यह आरोप बेकार और बेमानी है कि महागठबंधन सरकार की वापसी के बाद ‘जंगलराज’ लौट आएगा. उन्होंने कहा कि यह एक ‘घिसा-पिटा विमर्श’ और ‘बेवजह हल्ला मचाने’ का एक ‘अनोखा उदाहरण’ है. उन्होंने कहा कि लोग ध्यान भटकाने और गुमराह करने वाले इन हथकंडों को समझते और देखते हैं. यह सोशल मीडिया का जमाना है जहां विमर्श मुख्यधारा का मीडिया नहीं तय करता.

तेजस्वी ने कहा कि क्षेत्रीय दलों और अन्य प्रगतिशील राजनीतिक समूहों को अपने छोटे-मोटे नफा-नुकसान से परे देखना होगा और गणतंत्र को बचाना होगा. उन्होंने कहा कि यदि हमने अब गणतंत्र को बर्बाद होने से नहीं बचाया तो इसे दोबारा स्थापित करना बहुत मुश्किल होगा. यह पूछे जाने पर कि क्या नीतीश कुमार 2024 के चुनावों के लिए प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनने के लिए सबसे उपयुक्त हैं, और क्या वो विपक्ष के उम्मीदवार हो सकते हैं, इस पर तेजस्वी यादव ने कहा कि मैं यह प्रश्न नीतीश जी पर छोड़ता हूं. मैं पूरे विपक्ष की ओर से बोलने का दावा नहीं कर सकता, हालांकि, यदि विचार किया जाए, तो आदरणीय नीतीश कुमार निश्चित रूप से एक मजबूत उम्मीदवार हो सकते हैं.

तेजस्वी यादव ने कहा कि पिछले 50 वर्ष से वो (नीतीश कुमार) एक सामाजिक और राजनीतिक कार्यकर्ता रहे हैं. उन्होंने जेपी (जयप्रकाश) और आरक्षण आंदोलनों में भाग लिया है. उन्होंने कहा कि उनके पास 37 से अधिक वर्ष का व्यापक संसदीय और प्रशासनिक अनुभव है. साथ ही उन्हें जमीनी स्तर पर व अपने साथियों के बीच अपार समर्थन प्राप्त है.