बिहार में जिन नियोजित शिक्षकों के सर्टिफिकेट जांच के लिए शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड नहीं किए गए हैं, उनकी सूची अब निगरानी को सौंपी जाएगी। प्राथमिक शिक्षा निदेशक रवि प्रकाश ने शनिवार को सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों (स्थापना) को आदेश दे दिया है। सूची जिले में निगरानी के  नामित अफसरों को दी जाएगी, ताकि जांच कर आगे की कार्रवाई सुनिश्चित की जा सके। यह जांच पटना उच्च न्यायालय के आदेश के आलोक में चल रही है। 

2006 से 2015 के बीच बहाल हुए हैं ये शिक्षक 

शिक्षा विभाग के मुताबिक वर्ष 2006 से 2015 तक बहाल हुए तीन लाख 12 हजार 180 शिक्षकों की जांच विजिलेंस टीम कर रही है। इनमें 89 हजार 874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फोल्डर नियोजन इकाइयों से जांच के लिए विजिलेंस टीम को नहीं मिले हैं। ऐसे शिक्षकों को पिछले वर्ष निर्देश दिया गया था कि अपने सर्टिफिकेट को शिक्षा विभाग के पोर्टल पर अपलोड करना सुनिश्चित करें। साथ ही, ऐसे शिक्षकों को आगाह किया गया था कि यदि सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया गया तो उनकी नौकरी जाएगी और वेतन मद में भुगतान की गयी राशि की वसूली भी होगी।

  • सर्टिफिकेट अपलोड नहीं करने वाले शिक्षकों की सूची अब निगरानी के जिम्मे
  • शिक्षा विभाग ने निगरानी को सूची सौंपने के लिए शुरू की प्रक्रिया 
  • सभी जिला शिक्षा अधिकारियों और जिला कार्यक्रम पदाधिकारियों को दिया आदेश
  • 89,874 शिक्षकों के सर्टिफिकेट फोल्डर नियोजन इकाइयों से निगरानी जांच को नहीं मिले 

बार-बार चेतावनी देने के बाद भी नहीं अपलोड किए प्रमाणपत्र 

बावजूद, संबंधित शिक्षकों ने निर्धारित अवधि 21 जून से 20 जुलाई (2021) तक में सर्टिफिकेट को पोर्टल पर अपलोड नहीं किया। तब इसकी अवधि में विस्तार करते हुए 23 अगस्त से 31 अगस्त तक शिक्षकों को सर्टिफिकेट अपलोड करने का मौका दिया गया। फिर भी शिक्षकों ने सर्टिफिकेट पोर्टल पर अपलोड नहीं किया।