Patna : बिहार के नालंदा जिला में स्थित पुरातन काल मे ज्ञान का अंतरराष्ट्रीय केंद्र रहा नालंदा विश्वविद्यालय इन दिनों अपने नए रूप को लेकर लोगों को खूब आकर्षित भी कर रहा.विश्वविद्यालय के नए इमारतों की तस्वीर सोशल मीडिया पर जमकर वायरल भी हुई हैं, जिले लोग खूब पसंद भी कर रहे हैं. वहीं प्रदेश सरकार के कार्य को सराह भी रहे हैं.

हम आपको बता दें कि नालंदा विश्वविद्यालय दुनिया का पहला विश्वविद्यालय है. इस पहले विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के दौरान 5वीं सदी में हुई थी, लेकिन सन् 1193 में मुगलों के आक्रमण के बाद इसे नेस्तनाबूत कर दिया गया इस विश्वविद्यालय की स्थापना गुप्त काल के शासक कुमार गुप्त प्रथम ने 450 ई में की थी।

इसके बाद हेमंत गुप्त के उत्तराधिकारियो ने इसका इसमें योगदान दिया था, प्राचीन समय मे नालंदा और तक्षशिला दोनों ही ज्ञान के केंद्र थे और विदेशों से लोग यहाँ शिक्षा ग्रहण करने और सनातन धर्म को जानने के लिए आते थे। नालंदा को हर्षवर्धन और पाल शासकों का भी संरक्षण प्राप्त हुआ था।

प्राचीन नालंदा विश्वविद्यालय के आसपास कुल गुप्तकालीन 52 तालाब हैं. उन तालाबों को नालंदा विश्वविद्यालय का समकालीन ही माना जाता है. उनमें कई उससे भी पुरानी बुद्धकालीन तालाब बताई जाती हैं. नालंदा विश्वविद्यालय के आचार्य और छात्र से लेकर ग्रामीण उन तालाबों का दैनिक उपयोग करने के साथ साथ किसान सिंचाई भी करते थे.