Mumbai: हर किसी का सपना होता हैं की वह भी बहुत अमीर बन जाएँ और बड़ी नामी गिरामी कंपनी का मालिक हो जाये। ऐसे में कुछ लोग अपनी तरकीब और यूनिक आईडिया की डम पर खास व्यवसाय करके अपने सपनों को पूरा भी कर लेते हैं। ऐसे में जरुरत होती हैं तो बस सही बिज़नेस आईडिया और लगन की।

आज की कहानी ऐसे ही एक गरीब शख्स की है, जिसके अपनी गरीबी के जूझते हुए ऐसा काम किया की अब वह हज़ारों करोड़ की कंपनी का मालिक बन गया है। ऐसी कोनसी चीज़ है, जो हर उम्र, धर्म, जाती और जगह के लोगो को पसंद आये और बहुत बिके। वह चीज़ आइसक्रीम (Ice Cream) हो सकती है और यह आइसक्रीम किसी को करोड़ों रुपया कमाकर दे सकती है।

ऐसे में आज देश की एक ऐसी ही आइसक्रीम निर्माता कंपनी की सफलता की कहानी (Success Story) आपसे सामने है, जिसकी शुरुआत मुंबई (Mumbai) में एक छोटे से स्टोर के रूप में की गई और आज यह देश के हर कोने तक पहुँच गई है। हर कोई इस आइसक्रीम का दीवाना है।

नेचुरल आइसक्रीम (Natural Ice Cream) नाम का फेमस ब्रांड शुरू करने वाले रघुनंदन एस कामथ आज एक सफल बिजनेसमैन हैं। नेचुरल आइसक्रीम के फाउंडर और मालिक रघुनंदन (Natural Ice Cream Founder Raghunandan Srinivas Kamath) कर्नाटक के पुत्तुर तालुका में मुलकी नामक एक छोटे से गांव में जन्में थे। रघुनंदन के पिता पाने परिवार के जीवन यापन के लिए पेड़ों और फल बेचने का छोटा सा व्यवसारे करते थे, जिससे मुश्किल से 100 रुपये प्रति माह की आमदनी हो पाती थी।

उस वक़्त 100 रूपए महीना बहुत काम था और इतने में घर चलना भी मुश्किल था। रघुनंदन टोटल सात भाई-बहन थे। उनकी माता जी को अपने बच्चो को पालने के लिए बड़ी मशक्कत करनी पढ़ती थी। 7 बच्चो का भरण-पोषण करना, वो भी इतनी कम कमाई में, बहुत मुश्किल था। ऐसे में रघुनंदन का बचपन आर्थिक तंगी और संघर्षों के बीच। थोड़े बड़े होने पर उन्होंने काम की तलाश करने शुरू किया।

केवल 15 साल की उम्र में Raghunandan Srinivas Kamath ने मुंबई जाकर कुछ करने का फैसला किया। वहां अपने एक रिश्तेदार के भोजनालय में काम करन शुरू कर दिया। मुंबई के जुहू के एक 12 बाई 12 फुट के छोटे से कमरे में उन्होंने अपना आसरा बना लिया था। वहां पर इतनी कम स्पेस में ज्यादा लोग होने के चलते उन्हें खाट के नीचे सोना पड़ता था।

रघुनंदन को अच्छे से पता चल गया था की अपनी गरीबी से छुटकारा पाने के लिए कुछ न कुछ अपना व्यवसाय शुरू करना ही पड़ेगा। इसी बात को अपने दिमाग में लिए वे आगे बढ़ते रहे और उन्होंने कुछ पैसे जोड़ना शुरू कर दिया। बिना पैसो और इन्वेस्ट के कोई व्यवसाय नहीं किया जा सकता है।

कुछ व्यवसाय करने का आईडिया खोजते खोजते उन्हें एक दिन एक आइसक्रीम की दुकान पर आइडिया सूझा। उन्होंने सोचा कि अगर आइसक्रीम में फलों का स्वाद हो सकता है, तो इसमें असली फल से ही आइसक्रीम क्यों ना बनाई जाये। उनका यह आइडिया मिलियन डॉलर आईडिया (Million Dollar Business Idea) साबित होने वाला था। इस आईडिया से भविष्य में वे देश के बड़े उद्योगपति बनने वाले थे।

अपने आइडिया को सुचारु करते हुए उन्होंने साल 1984 में मुंबई में चार कर्मचारी की मदद से स्ट्रॉबेरी, आम और सेब जैसे स्वाद वाली 10 आइसक्रीम की शुरुआत की और इनका व्यवसाय (Business) शुरू कर दिया। लोगों ने उनके आइसक्रीम को काफी पसंद किया। इससे वे बहुत मोटीवेट हुए।

फिर उन्होंने नए-नए प्राकृतिक फलों जैसे लीची, केला और आम सहित 150 से ज्यादा स्वादों वाली आइसक्रीम बाजार में ला दी। अब वे देश की बड़ी ब्रांड कंपनी नेचुरल आइसक्रीम के मालिक है। हालिया समय में भारत में उनके 125 स्टोर हैं, जिनमें 5 स्टोर सीधे तौर पर वे हैंडल करते हैं और बाकी फ्रेंचाइज्ड के रूप में चल रहे हैं।

देश के लगभग सभी राज्यों में अपना व्यवसाय फैलाते हुए उनकी कंपनी का वैल्यूएशन 3000 करोड़ के पार है। वे एक छोटी सी दुकान से बिजनेस शुरू करके इतनी बड़ी कंपनी कड़ी कर दिये है। इस सफलता का क्रेडिट रघुनंदन की सच्ची लगन और मेहनत को ही जाता है। इस आइसक्रीम कंपनी (Natural Ice Cream) की सफलता की कहानी कई लोगो को भी प्रेरित करती है और बिजनेस करने के गुर सिखाती है।