सेना भर्ती के नियमों में बदलाव और ‘अग्‍न‍िपथ’ स्‍कीम के विरोध में हुए बवाल ने आम आदमी को कितना नुकसान पहुंचाया है। इसका पता चलने लगा है। केवल टिकट वापसी से बिहार में रेलवे को 50 करोड़ रुपए से अधिक का नुकसान हो चुका है। ट्रेनों और रेल संपत्ति को हुए नुकसान का आकलन होना अभी बाकी है। इसका खामियाजा सीधे या पीछे के रास्‍ते से आम आदमी को ही भुगतना है। फिलहाल, ट्रेनों में आग लगाने का असर ये है कि बिहार से प्रमुख शहरों के लिए विमान का किराया एक ही दिन में तीन गुना तक महंगा हो गया है।

पटना जंक्‍शन से सुबह छह के बाद नहीं खुली कोई ट्रेन 

हंगामा के कारण पिछले दो दिनों में बड़े पैमाने पर ट्रेनों का परिचालन रद करना पड़ा है। दो दिनों के अंदर रेलवे को टिकट वापसी से 50 करोड़ का नुकसान हुआ है। पटना जंक्शन से शुक्रवार को सुबह छह बजे के बाद कोई भी ट्रेन नहीं खुली। शाम 6:11 बजे डाउन लाइन पर पहली ट्रेन आरा से पटना पहुंची। वहीं दूसरी ओर, पटना-दिल्ली रूट पर ट्रेनों के रद होने के कारण विमानों का किराया आसमान छूने लगा।

पटना से दिल्‍ली का किराया 27 हजार रुपए तक पहुंचा 

आमतौर पर पटना से दिल्ली का किराया 7000 हजार से 9000 के बीच रहता था, शुक्रवार को बढ़कर 27,000 तक पहुंच गया। पटना से मुंबई का किराया 20 हजार से 22 हजार के बीच रहा। पटना से बेंगलुरु व चेन्नई का किराया भी पहले से तीन गुना बढ़कर 18 हजार से 26 हजार के बीच रहा। पटना-कोलकाता के लिए 10 से 12 हजार एवं पटना से गुवाहाटी का किराया 28 हजार तक लिया गया। 

काउंटर से वापस किए गए 35 लाख रुपए के टिकट 

दानापुर मंडल के पटना जंक्शन, दानापुर, पाटलिपुत्र, राजेंद्र नगर टर्मिनल, पटना साहिब समेत मंडल के अन्य स्टेशनों के आरक्षण काउंटर्स से दो दिनों के अंदर 70 लाख रुपये से अधिक का आरक्षित टिकट वापस कराया गया है। आरक्षण व बुकिंग काउंटर्स से 35 लाख रुपये की वापसी हुई है। इसी तरह इंटरनेट से लिए गए टिकट की वापसी से पूर्व मध्य रेल को पिछले तीन दिनों में 50 करोड़ से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है।