UPSC Success Story in Hindi: आदर्श कांत शुक्ला मूल रूप से उत्तर प्रदेश के बाराबंकी जिले के रहने वाले हैं। वह एक बेहद साधारण परिवार से ताल्लुक रखते हैं। आदर्श के पिता राधा कांत शुक्ला एक प्राइवेट फर्म में अकाउंटेंट हैं। जबकि, उनकी माता गीता शुक्ला एक गृहणी हैं। आदर्श के पिता भी अधिकारी बनना चाहते थे लेकिन घर की खराब हालत की वजह से वह ऐसा नहीं कर पाए। हालांकि, उनके बेटे ने यह कर दिखाया।

किराए के मकान में बीता बचपन
आदर्श के पिता 20 साल पहले गांव से बाराबंकी आए थे। वह एक किराए के घर में रहते थे। हालांकि, समय के साथ उन्होंने मयूर विहार कॉलोनी में अपना खुद का मकान बना लिया था। घर की कठिन परिस्थितियों के बावजूद भी आदर्श के माता-पिता ने उनकी पढ़ाई लिखाई पर हमेशा ध्यान दिया।
कॉलेज में जीता गोल्ड मेडल
आदर्श बचपन से ही पढ़ाई में काफी अच्छे थे। उन्होंने साईं इंटर कॉलेज से हाईस्कूल और इंटर किया। स्कूली शिक्षा प्राप्त करने के बाद उन्होंने नेशनल पीजी कॉलेज लखनऊ से B.Sc की डिग्री हासिल की है। ग्रेजुएशन के दौरान बेहतरीन प्रदर्शन के लिए उन्हें गोल्ड मेडल से भी सम्मानित किया जा चुका है। आदर्श हमेशा से ही आईएएस बनना चाहते थे। ऐसे में ग्रेजुएशन पूरा होते ही उन्होंने यूपीएससी एग्जाम की तैयारी शुरू कर दी थी।

21 साल में मिली सफलता
कड़ी मेहनत और लगन से आदर्श ने साल 2020 में सिविल सेवा परीक्षा के पहले प्रयास में ही सफलता प्राप्त कर ली थी। उन्होंने 149 रैंक हासिल की थी। खास बात यह है कि आदर्श ने कभी कोई कोचिंग भी ज्वाइन नहीं की और महज़ 21 साल की उम्र में ही आईपीएस बनने का सपना पूरा कर लिया। आदर्श का कहना है कि सिविल सेवा परीक्षा को अन्य परीक्षा की तरह ही मानें और इसे अपने जीवन का एकमात्र उद्देश्य न बनाएं।