समस्या एक अवसर होती है और जिज्ञासा एक प्रेरणा. बेगूसराय के विशाल ने ऐसा ही कुछ साबित किया और वह भी अपनी प्रतिभा के बल पर. विशाल एक रात अपने पिता के साथ दो पहिया वाहन से जा रहा था, तभी अचानक सामने से आए बड़े वाहन की डीपर लाइट से विशाल और उसके पिता की आंखें चुंधिया गईं. पिता ने इसे आएदिन की समस्या बताया तो बीटेक के छात्र विशाल ने इसका हल निकालने की ठान ली. अब उन्होंने एक ऐसा उपकरण बना लिया है, जिसे वाहनों में लगाते ही लाइट अपने आप डिम और डीपर हो सकेगी. इस छोटे से उपकरण को लेकर विशाल ने बड़े दावे भी किए हैं.

विशाल ने बताया इस डिवाइस को बनाने की प्रेरणा उन्हें अपने पिता रत्नेश्वर साहू के साथ जाने के दौरान आई समस्याओं से मिली. डुमरी, बेगूसराय के निवासी विशाल कुमार ने अपने बनाए इस डिवाइस को लेकर दावा किया है कि इसके ज़रिये रात में होने वाले 40 फीसदी सड़क हादसों को कम किया जा सकता है. विशाल अभी 2020-2024 सत्र में बीटेक सिविल ब्रांच का छात्र है.

कैसे काम करेगा यह डिवाइस, कितनी है लागत?

विशाल ने छमूे18 स्वबंस से बातचीत में बताया उन्होंने 600 ₹ खर्च कर यह सेंसर बनाया. जिन गाड़ियों की लाइट में इस सेंसर का प्रयोग किया जाएगा, उनमें सामने से गाड़ियों के आने पर लाइट अपने आप डिम हो जाएगी. डीपर सेंसर सामने से आने वाले वाहनों के गुज़रते ही लाइट को फिर हाई भी कर देगा. यह सेंसर किसी भी प्रकार के वाहनों में लग सकता है. विशाल ने अपने इस उपकरण के साथ राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के अवसर पर बिहार विज्ञान और प्रौद्योगिकी परिषद द्वारा आयोजित समारोह में भाग लिया और प्रथम स्थान प्राप्त किया.

विशाल ने कहा छोटी गाड़ियों के साथ सबसे बड़ी परेशानी ये होती है कि जब सामने से कोई बड़ा ट्रक आता है, तो हाई बीम लाइट सीधे आंखों पर पड़ती है. यह स्थिति कई तरह के सड़क हादसों का कारण बनती है. विशाल ने दावा किया कि इस सेंसर के इस्तेमाल से बड़ी संख्या में हादसे कम हो सकते हैं.