पटना : शुक्रवार को लालू यादव के 17 ठिकानों पर सीबीआई का छापा पड़ा। इसके बाद से बिहार में सियासत गर्म हैं। कभी सहयोगी रही कांग्रेस ने लालू यादव का बचाव किया है। साथ ही इशारो-ही-इशारों में केन्द्र सरकार को धमकी भी दी है। कांग्रेस विधान पार्षद प्रेमचंद्र मिश्रा (Prem Chandra Mishra) ने कहा कि ये गलत संदेश दिया जा रहा है। ऐसे आप विपक्ष की आवाज को दबा नहीं सकते हैं। ये गलत परंपरा की शुरुआत की जा रही है। जो लोग इस तरह की कार्रवाई करवा रहे हैं, उन्हें भी इस स्थिति के लिए तैयार रहना चाहिए। कल जब वो लोग विपक्ष में आएंगे तो हो सकता है उनके खिलाफ भी इस तरह की कार्रवाई हो।

”पहले भी विपक्ष के कई नेताओं के यहां पर सीबीआई, इनकम टैक्स, ईडी का कार्रवाई के नाम पर छापा होता रहा है। इसमें कुछ मिलता नहीं है, निकलता नहीं है, बस दुर्भावना से ग्रसित होकर यह कार्रवाई करायी जा रही है। विपक्ष की आवाज को दबाने की कोशिश हो रही है। सरकारी एजेंसियों को ऐसे मामले से परहेज करना चाहिए। अगर किसी व्यक्ति या पार्टी के नेता ने गड़बड़ी की है तो इसकी जांच हो, कोई आपत्ति नहीं है।”- प्रेमचंद्र मिश्रा, विधान पार्षद, कांग्रेस
लालू यादव के परिवार को बेवजह परेशान किया जा रहा है :
कांग्रेस पार्षद ने कहा कि सवाल उठता है कि सीबीआई की अदालत ने पहले ही लालू यादव को कई मामलों में सजायाफ्ता किया हुआ है। अब क्या जरूरत थी कि उनके ठिकानों पर छापा मार रहे हैं। अब उन्होंने क्या किया है। इस तरह की घटनाएं कई प्रकार के सवालों को खड़ा करती है। ऐसे में मन में शंका हो रही है कि कहीं ना कहीं लालू प्रसाद की पार्टी, उनके परिवार को बेवजह परेशान करने की कोशिश हो रही है।
BJP ने किया पलटवार :
वहीं दूसरी तरफ बीजेपी ने इस बयान पर पलटवार किया है। भाजपा प्रवक्ता डॉ राम सागर सिंह ने कहा, ‘आरजेडी नेता भ्रम की स्थिति पैदा कर रहे हैं। सीबीआई ने किसी पुराने मामले में छापेमारी नहीं की है। इस बार जमीन दो नौकरी लो के मामले की जांच के बाद सीबीआई ने सही पाया है। उसी आधार पर कार्रवाई की गई है। जो सूत्र बता रहे हैं उसके अनुसार काफी कुछ मिला भी है। आरजेडी और कांग्रेस के नेता सीबीआई को बदनाम करने की कोशिश कर रहे हैं।
रेल मंत्री रहते घोटाला करने का आरोप :
जानकारी के मुताबिक, यह मामला भर्ती घोटाले से जुड़ा है। आरोप है कि नौकरी लगवाने के बदले में जमीन और प्लॉट लिए गए थे। सीबीआई ने इस मामले में जांच के बाद लालू और उनकी बेटी के खिलाफ मामला दर्ज किया था। खबरों की मानें तो लालू यादव के अलावा, उनके परिवार के सदस्यों को भी नये मामले में आरोपी बनाया गया है। बता दें कि साल 2004 से साल 2009 के बीच लालू रेलमंत्री थे।
कहां-कहां हुई थी है छापेमारी :
जानकारी के अनुसार, पटना, गोपालगंज, दिल्ली, मध्यप्रदेश के भोपाल में छापेमारी हुई थी। पटना के राबड़ी आवासा सहित दिल्ली के मीसा भारती के आवास पर भी छापेमारी हुई थी। लालू प्रसाद यादव के ठिकानों पर छापेमारी को लेकर अधिकारियों ने बताया था कि जांच एजेंसी ने दिल्ली व बिहार में 17 स्थानों पर छापे मारे। उन्होंने बताया कि यह कथित घोटाला तब का है जब लालू प्रसाद यादव संयुक्त प्रगतिशील सरकार यानी यूपीए सरकार में रेल मंत्री थे।