शिष्य कितना भी बड़ा क्यों न हो जाए वह अपने गुरु के सामने जब भी उपस्थित होता है तो सम्मान में उनके हाथ बंध जाते हैं और सिर झुक जाता है. कुछ ऐसा ही नजारा तब देखने को मिला जब मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अपने स्कूल के समय के शिक्षक नंद किशोर प्रसाद सिंह से मिलने उनके घर पहुंचे. दरअसल, इन दिनों बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार समाज सुधार यात्रा पर निकले हुए हैं. इसी दौरान नीतीश समस्तीपुर में समाज सुधार यात्रा ख़त्म कर लौट रहे थे, तब रास्ते में नीतीश कुमार को जानकारी मिली की बख़्तियारपुर के स्कूल में जो शिक्षक उन्हें पढ़ाया करते थे वो समस्तिपुरर में ही हैं और काफी बीमार हैं.

इस ख़बर को जानते ही सीएम नीतीश कुमार कार्यक्रम ख़त्म करने के बाद अपने गुरु से मिलने पहुंच गए. अपने स्कूल समय के गुरु से मिलकर मुख्यमंत्री बेहद भावुक हो गए. गुरु और शिष्य के बीच काफ़ी देर तक बातचीत होती रही. मुख्यमंत्री ने उनके परिवारवालों से उनका हालचाल भी जाना. उन्होंने बेहतर इलाज के लिए समस्तीपुर के DM को निर्देश भी दिया.

दरअसल, नीतीश कुमार का बचपन बख़्तियारपुर में गुजरा था. उन्होंने गणेश हाई स्कूल में शुरुआती पढ़ाई-लिखाई की थी. उसी स्कूल में भगवानपुर कमला थाना उजियारपुर, ज़िला समस्तीपुर के नंद किशोर प्रसाद सिंह ने नीतीश कुमार को पढ़ाया था. नीतीश कुमार उनके प्रिय शिष्य भी थे. नीतीश कुमार अपने गुरु के आवास पर पहुंचे और उनका चरण स्पर्श कर उनके स्वास्थ की जानकारी ली. जब मालूम हुआ कि बुजुर्ग हो चले गुरुजी की तबीयत ठीक नहीं है तो यह जानकर नीतीश कुमार बेहद भावुक हो गए.

गुरु के स्वास्थ्य की ली जानकारी नीतीश कुमार के शिक्षक नंद किशोर सिंह के परिवारवालों (उनकी पुत्रवधु अनामिका सिंह, सुपुत्री लालिमा सिंह और दामाद प्रो. शिवानंद सिंह) से मिलकर उनके स्वास्थ से जुड़ी पूरी जानकारी ली. उन्होंने इलाज के बारे में भी जानकारी ली. बेहतर इलाज कैसे हो इसको लेकर उन्होंने वहां मौजूद समस्तीपुर के DM को निर्देश भी दिया. साथ ही कहा कि उनके स्वास्थ्य के बारे में समय-समय पर उन्हें सूचना दिया जाए.